राजस्थान - बूंदी :-
पेच की बावड़ी पंचायत के पास इटूंदा गांव में 3 दिवसीय श्रीमज्जिनेद्र आदिनाथ जैन पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एक मिसाल बन गया है। कारण कि गांव में मात्र एक ही जैन परिवार पूर्व सरपंच राकेश जैन का अकेला परिवार रहता है। इसके बावजूद पंचकल्याणक महोत्सव कराना अपने आप में गांव के लिए बड़ी उपलब्धि है। कार्यक्रम में पेच की बावड़ी के नवयुवक मंडल, महिला मंडल, जैन समाज के साथ ही इटूंदा के माहेश्वरी, ब्राह्मण समाज के अतिरिक्त ग्रामीणों के सहयोग करने से आयोजन अभूतपूर्व बन गया। मुनि ससंघ ने भी इसे इटूंदा का पुण्योदय बनाया।
पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति अध्यक्ष कपूरचंद लुहाड़िया अाैर पूर्व सरपंच राकेश जैन ने बताया कि यहां जिनेंद्र अर्चना, गर्भ कल्याणक पूजन, तीर्थंकर जन्म, सौधर्म इंद्र का अयोध्यागमन, सौधर्म-शची संवाद, तीर्थंकर बालक का पाडुंकशिला पर अभिषेक श्रंगार की क्रियाएं हुई। जन्म कल्याणक पूजन सौधर्म इंद्र द्वारा तांडव नृत्य, पालना झूलना, बाल क्रीड़ा, आदिकुमार के विवाह से जुड़ सजीव रस्में, राज्याभिषेक, षट्कर्मोपदेश, नीलांजना नृत्य, वैराग्य एलोकान्तिक देवो द्वारा अनुमोदना, भरत- बाहुबली राज्य स्थापना, वन गमन, दीक्षा-विधि संस्कार, तप कल्याणक पूजन व शाम की आरती, शास्त्री स्वाध्याय एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। यह पंचकल्याणक 3 दिवसीय रहा। मुनि विश्रांतसागर महाराज के आगमन पर गांव के सभी बाशिंदाें-मुसलमान भाइयों ने आगवानी और पाद प्रक्षालन किया, जिससे यह कार्यक्रम सामाजिक समरसता की मिसाल बन गया। शनिवार शाम को इसका समापन हुआ।
हिंडौली. ग्राम ईटूंदा में चल रहे पंच कल्याणक महोत्सव में विश्रांत सागर महाराज के दर्शन करते श्रद्धालु।
100 साल पुराना जैन मंदिर, इसलिए वेदी प्रतिष्ठा कराई
इटूंदा जैन मंदिर 100 वर्ष पुराना बताया जा रहा है। पूर्व सरपंच राकेश जैन ने बताया कि तब इटूंदा में करीबन 80 जैन परिवार रहते थे। धीरे-धीरे रोजगार की तलाश के चलते सभी परिवार पलायन कर गए, एक मात्र हमारा परिवार के यहां पर रहा। उनके पिता भंवरलाल जैन ने बताया कि किसी भी मंदिर में मूर्ति नाभि से ऊपर होनी चाहिए, इस मंदिर में मूर्ति नाभि से नीचे है, इसलिए इसका 2017 में जीर्णोद्धार करवाकर मूर्ति को दोबारा प्रतिस्थापित किया। मंदिर पर शिखर का निर्माण 2019 में हुआ। हमने मूर्ति को प्रतिष्ठापित कर दिया तो उसकी प्राण-प्रतिष्ठा करवाना जरूरी समझा, इसलिए मंदिर में वेदी प्रतिष्ठा कराई है। इसी दौरान मुनि विश्रांतसागर महाराज ने वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव को पंचकल्याणक में परिवर्तित करने की प्रेरणा दी। संतों के आशीर्वाद और ग्रामीणों के साथ पेच की बावड़ी जैन समाज के सहयोग से कार्य पूरा हुआ।
हिंडौली. पंचकल्याणक महोत्सव की शोभायात्रा में शामिल रही भीड़।
रजत महिला मंडल शामिल रही
बूंदी| इटूंदा के पंचकल्याणक महाेत्सव के दाैरान निकाली शोभायात्रा में बूंदी केे नैनवां रोड क रजतगृह कॉलोनी की रजत महिला मंडल ने अपनी बैंड-बाजे व अपनी वेशभूषा में प्रस्तुतियां दी। रजत महिला मंडल अध्यक्ष निर्मला पाण्ड्या ने बताया कि शोभायात्रा में मंडल ने अहम भूमिका निभाई। गाजे-बाजे के साथ भगवान की शोभायात्रा में शामिल हुई। इसमें उपाध्यक्ष चंदा जैन, प्रेमबाई जैन, राजेश जैन, चेतना जैन, सीमा जैन, ममता पाटनी व सदस्याएं मौजूद रही।
शरीर को सुंदर करने से मोक्ष नहीं मिलता: मुनि विश्रांतसागर
सुपार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर इटूंदा में शनिवार को प्रवचनसभा में मुनि विश्रांतसागर ने कहा कि बिना संयम के कोई भी भगवान नहीं बन सकता। त्याग ही इंसान को भगवान बना देता है। मोक्ष प्राप्ति का सबसे बड़ा मंत्र संयम ही है।
मुनिश्री ने कहा कि शरीर को सुंदर करने से मोक्ष नहीं मिलती। इसके लिए मन को सुंदर बनाना पड़ेगा। संयम एक गीत है, गाने के लिए, इसलिए बड़े-बड़े भी संयमित व्यक्ति का सम्मान करते हैं। मनुष्य कितना भी ज्ञान प्राप्त कर ले, लेकिन थोड़ा-सा भी परिग्रह हो तो मोक्ष नहीं मिलेगा। मुनिश्री ने भटकती युवा पीढ़ी को नसीहत दी कि इंद्रियों को वशीभूत नहीं करने पर माता-पिता को नीचे देखना पड़ता है। मां सबसे बड़ी गुरु होती है। वह अपनी बेटी को संस्कारवान भी बना सकती हैं और असंस्कारित, इसलिए माताएं इसे गंभीरता से लें और अपनी संतान को संस्कारित रखें। साधु बनना आसान है, लेकिन मोक्ष मार्ग पर चलना बहुत कठिन है। यह कायरों का नहीं, वीरों का मार्ग है।
बांसी में शांति महामंडल विधान
बांसी. दिगंबर मंदिर में शांति महामंडल विधान का पूजन करती महिलाएं।
बांसी. कस्बे के बड़े दिगंबर जैन मंदिर में शनिवार को संगीतमय शांति महामंडल विधान हुआ आयोजन से जुड़ी प्रियंका जैन ने बताया कि सुबह श्रीजी का कलशाभिषेक, शांतिधारा, पूजन किया गया। इसके बाद संगीतमय शांति महामंडल विधान का आयोजन हुआ, जिसमें महिलाओं ने पूजन करते हुए अर्घ्य चढ़ाए। शाम को महाआरती हुई।
डाबी में वेदी प्रतिष्ठा-विश्व शांति महायज्ञ मनाया
डाबी| कस्बे में जैन समाज द्वारा त्रिदिवसीय मजिनेंद्र वेदी प्रतिष्ठा एवं विश्व शांति महायज्ञ महोत्सव मनाया। महोत्सव 24 अप्रैल से 26 अप्रैल तक मनाया गया। बुधवार को श्रीजी को शोभायात्रा के माध्यम से वेदी मंडप में विराजमान किया गया। जैन समाज द्वारा गुरुवार को अभिषेक, शांतिधारा, पूजन, याग मंडल, विधान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम किए। शुक्रवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम में युवा परिषद मेवाड़ प्रांत द्वारा श्रजन-संजोग पुस्तक का विमोचन किया गया। शनिवार को शोभायात्रा, श्रीजी स्वर्णिम नवीन वेदी के विराजमान होने, शिखरों में ध्वज व कलश आरोहण के कार्यक्रम हुए। राजेश जैन ने बताया कि शोभायात्रा में 8 बैंड, दो घोड़ी बीच बग्गी, रथ चल रहे थे।
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