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आलीराजपुर.
मूलनायक भगवान आदिनाथ के जयकारों के साथ 156 साल प्राचीन जैन मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए जैन समाजजन ने नगर के मध्य स्थित जैन मंदिर की पावन धरा पर सामूहिक रूप से शिलान्यास किया। पुण्य सम्राट आचार्य जयंतसेन सूरीश्वर के पट्टधर आचार्य नित्यसेन सूरीश्वर के आज्ञानुवर्ति मुनि सिद्धरत्न विजय की निश्रा में पारा से आए विधिकारक तिलोक भाई ने संपूर्ण प्रक्रिया संपन्न करवाई। इस दौरान जैन समाजजन ने जमकर रंग-गुलाल उड़ाया और नृत्य किया। मंदिर जीर्णोद्धार को लेकर समाजजनों में उत्साह छाया रहा।
शिलान्यास के लिए सुबह 6.30 बजे सकल जैन श्रीसंघ और लाभार्थी परिवार मंदिर पहुंचा। यहां से चल समारोह के रूप में शिलाओं को नगर भ्रमण करवाया गया। पश्चात मुनि सिद्धरत्न विजय और विधिकारक ने शिलाओं की अभिषेक विधि संपन्न करवाई। इस दौरान नवग्रह पाटला पूजन, 10 दिक्पाल पाटला पूजन करवाया गया। पश्चात लाभार्थी परिवार शिलाओं के लेकर मंदिर परिसर की भूमि के तल में पहुंचे, जहां शिला विराजमान करने की विधि पूर्ण की। शिला पुरने के लिए चांदी के सिक्के लेकर लाभार्थी परिवार आए थे।
शिलान्यास के दौरान मंदिर परिसर के तल में अग्नि नंदा शिला, दक्षिण भद्रा, नैरत्य जया, पश्चिम रिक्ता, वायव्य उत्तर अपराजिता, ईशान शुक्ला और पूर्व सौभागिनी शिला को विधि-विधान से विराजित किया गया। इस दौरान समाज के महिलाएं, पुरुष, युवक, युवतियां और बच्चों में खासा उत्साह छाया रहा। विधिकारक और समाजजन उत्साह के साथ धार्मिक स्तवन गाकर भक्ति करते रहे। शिलान्यास के पश्चात युवक-युवतियों ने जमकर रंग-गुलाल उड़ाया और नृत्य किया।
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